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Monday 23 March 2015

मिस इंडिया के फाइनल में पहुंची जौनपुर की बेटी

जौनपुर की दीक्षा सिंह फेमिना मिस इंडिया-2015 के फाइनल राउंड में अपनी जगह बना चुकी हैं। 28 मार्च को इसका फाइनल होगा। दीक्षा आज जिस मुकाम पर हैं उसके पीछे कहीं न कहीं उनके पिता जितेंद्र सिंह का संघर्ष है। जितेंद्र ने बताया कि साल 1985 में उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। 500 रुपए की नौकरी के लिए वह जौनपुर से मुंबई चले गए। इस दौरान गांव में पैसे भेजने के लिए उन्हें भूखे ही सोना पड़ता था। काफी मेहनत के बाद उन्हें सफलता मिली और गोवा में अपना बिजनेस शुरू किया।




दीक्षा सिंह ने जौनपुर के बक्शा छितौनी गांव से क्लास तीन तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह अपने पिता के साथ मुंबई और फिर गोवा शिफ्ट हो गईं। इस समय वह बीए सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही हैं। वहीं, उनके पिता जितेंद्र सिंह का गोवा में अपना बिजनेस है। वहां उनकी 20 से ऊपर गाड़ियां चलती हैं। राजस्थान के कोटा शहर में भी उनका अपना बिजनेस है।

पेपर में विज्ञापन देखकर ऑडिशन देने पहुंची
dainikbhaskar.com की टीम से बातचीत में जितेंद्र सिंह ने बताया कि दीक्षा ने फेमिना मिस इंडिया के ऑडिशन का विज्ञापन पेपर में देखा था। इसके बाद वह अपनी बहन के साथ ऑडिशन देने पहुंच गई। इसके पहले उसने कभी मॉडलिंग नहीं की थी। इसके बावजूद वहां उसका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा रहा और वह सिलेक्ट हो गई।

गरीबी में बीता बचपन
जितेंद्र ने बताया कि उनका बचपन काफी गरीबी में बीता है। उनके पिता चंद्रभान सिंह साधारण किसान हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए वह नौकरी करने मुंबई चले गए। इस दौरान उन्हें 500 रुपए की नौकरी मिली। साल 1996 में वह गोवा आ गए और बिड़ला ग्रुप के लिए काम करने लगे। इसके बाद साल 2004 में उन्होंने अपना बिजनेस शुरू कर लिया।



शाहरुख की फैन है दीक्षा
जितेंद्र सिंह ने बताया कि शाहरूख खान की फैन दीक्षा को चिकन और वेजिटेरियन कबाब बहुत पसंद है। इसके साथ ही उसे पेंटिंग बनाने का भी बहुत शौक है। उन्होंने बताया कि मिस इंडिया प्रतियोगिता के लिए उसे एक लाख 40 हजार का कॉस्ट्यूम खरीद कर दिया। उसकी सफलता में मां अंजलि सिंह का भी काफी योगदान है। उनका मानना है कि सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष की जरूरत होती है।

Source: http://www.bhaskar.com/news/UP-VAR-deeksha-singh-femina-miss-india-2015-final-contestants-from-jaunpur-4940208-PHO.html

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